The Ultimate Guide To shiv chalisa lyrics with meaning

तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।

From Sati arrived the use of the ritual “suicide” of widows who were being immolated by their spouse’s kinfolk around the funeral pyre of their partner, usually since the wife could divert Portion of the spouse and children fortune by marrying Yet another gentleman, or by returning to her family and using the original dowry with her.

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

अर्थ- हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें

आपके पास पूजा के लिए दूध दही घी शक्कर शहद यानि पंचामृत तथा चंदन पुष्प बेलपत्र त्रिशूल डमरू आदि होने चाहिए अगर आपका व्रत है तो more info शाम को पूजा करने के बाद ही व्रत खोलें अंत में प्रसाद वितरण करें

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

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